Sunday, August 29, 2021

राष्ट्रीय खेल दिवस 2021

 राष्ट्रीय खेल दिवस 2021 


29 अगस्त को हर साल भारत में 'राष्ट्रीय खेल दिवस' (National Sports Day) के रूप में मनाया जाता है. इस बार का  राष्ट्रीय खेल दिवस (नेशनल स्पोर्ट्स डे) इसलिए भी ख़ास है क्योंकि, भारत ने हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत (India) ने टोक्यो गेम्स 2020 में अपने अब तक के बेस्ट  यानी 7 ओलंपिक पदक हासिल किये हैं.



इस दिन के महत्त्व की बात की जाए, तो यह दिन मेजर ध्यानचंद के सम्मान में मनाया जाता है और विभिन्न खेलों में खिलाडियों के महत्वपूर्ण योगदान के लिए राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है.


खेलों के प्रति खिलाड़ियों का सम्मान, छिपी प्रतिभा को ढूंढना, एथलीटों की सफलता के लिए परिवारों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के उत्कृष्ट समर्थन की सराहना करने के लिए हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा ये दिवस अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि और खेल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हाॅकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस 2021’ के रूप में मनाया जाता है। 


राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है


सन 1979 में, भारतीय डाक विभाग ने मेजर ध्यानचंद को उनकी मृत्यु के बाद श्रद्धांजलि दी और दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, दिल्ली कर दिया. 2012 में, यह घोषणा की गई थी कि खेल की भावना के बारे में जागरूकता फैलाने और विभिन्न खेलों के संदेश का प्रचार करने के उद्देश्य से एक दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए और इसके लिए फिर से मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई और 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई.


मेजर ध्यानचंद कौन थे?


29 अगस्त 2012 को पहली बार राष्ट्रीय खेल दिवस मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) के अवसर पर मनाया गया था. Major Dhyan Chand के सम्मान में इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था और वह अपने समय के महान हॉकी खिलाड़ी थे. उन्हें हॉकी खिलाड़ी के स्टार या "हॉकी का जादूगर" के रूप में जाना जाता था, क्योंकि उनकी अवधि के दौरान, उनकी टीम ने वर्ष 1928, 1932 और 1936 के दौरान ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किए थे. उन्होंने 1926 से 1949 तक 23 वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेली. उन्होंने अपने करियर में कुल 185 मैच खेले और 570 गोल किए. वह हॉकी के प्रति इतने समर्पित थे कि वह चांदनी रात में खेल के लिए अभ्यास किया करते थे, जिससे उसका नाम ध्यानचंद पड़ गया. 1956 में, ध्यानचंद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया, वह यह सम्मान पाने वाले तीसरे नागरिक थे.

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