Thursday, April 23, 2020

विश्व पुस्तक दिवस 2020 : किताबें सिखाती हैं जीेने की कला

किताबें झांकती हैं बंद आलमारी के शीशों से,
बड़ी हसरत से तकती हैं,
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती,
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं,
अब अक्सर गुजर जाती है कंप्यूटर के पर्दों पर..!

गुलजार साहब की ये कविता किताबों के उस दौर की याद दिलाती है जब किताबें जीवन का अभिन्न अंग हुआ करती थीं। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के द्वारा पढ़ने, प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस आयोजित किया जाता है।

ज्ञातव्य है कि 23 अप्रैल 1564 को शेक्सपीयर का निधन हुआ था। शेक्सपीयर एक ऐसे लेखक थे जिनकी कृतियों का अनुवाद विश्व की समस्त भाषाओं में हुआ है। उन्होंने अपने जीवनकाल में करीब 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएं लिखीं। साहित्य जगत में शेक्सपीयर को जो स्थान प्राप्त है उसी को देखते हुए यूनेस्को ने 1995 और भारत सरकार ने 2001 में 23 अप्रैल के दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की ।
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